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संघर्ष से सफलता तक: मुकेश कुमार ससंह की प्रेरक जीवनगाथा
मुके श कुमार ससंह की कहानी ससफष एक व्यसि की नहीं, बसकक हजारों-लाखों उन लोगों की आवाज है जो सीसमत संसाधनों और जीवन की कठिनाइयों के बीच भी अपने संककप और मेहनत से एक नई दिशा गढ़ते हैं। सबहार के एक छोटे से गााँव में जन्मे मुके श कुमार ससंह ने सजन पठरसथथसतयों से सनकलकर समाज के सलए एक उद्देश्यपूर्ष राह चुनी, वह वाथतव में प्रेरर्ािायक है।
प्रारसंभक जीवन और सशक्षा
मुके श कुमार ससंह का जन्म 16 अगथत 1978 को सबहार के एक गरीब दकसान पठरवार में हुआ। उनके सपता एक साधारर् दकसान थे और चार बच्चों में मुके श तीसरे थथान पर थे। बचपन से ही वे पढ़ाई-सलखाई में पठरवार के अन्य बच्चों से आगे रहे। गरीबी और संसाधनों की कमी के बावजूि उन्होंने 12वीं तक की सशक्षा पूरी की। आगे की पढ़ाई के सलए उन्होंने इा छा तो जताई, लेदकन पैसों की तंगी के कारर् सपता ने इसे असंभव बताया।
दिकली की ओर पहला किम और हािसे की शुरुआत
1993 में, 12वीं के बाि मुके श बेहतर जीवन की तलाश में अपने बडे भाई के पास दिकली आ गए। वहां उन्होंने एक कुठरयर कंपनी में मात्र 1200 रुपये प्रसतमाह पर काम शुरू दकया। लेदकन दकथमत को कुछ और ही मंजूर था। जकि ही उनका दिकली में एक गंभीर सडक िुघषटना हो गया, सजसमें वे बुरी तरह घायल हो गए। लंबे समय तक बेड रेथट के बाि वे कुछ हि तक थवथथ हुए।
पजंाब और दफर बैंगलोर की कठिन यात्राएं
सन 2000 में वे पंजाब चले गए और कंथरक्शन के काम से जीवन यापन करने लगे। साल 2003 में उनका सववाह हुआ और 2007 में उन्हें पुत्र रत्न की प्रासि हुई। जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा था, लेदकन पठरवार को और बेहतर भसवष्य िेने की चाह में वे 2008 में बैंगलोर चले गए। वहां वे दफर से सनमाषर् कायष में जुट गए।
ििषनाक हािसा और जीवन की नई चुनौती
अप्रैल 2011 में एक और त्रासिी ने उनका जीवन बिल दिया। एक सडक हािसे में उनकी पत्नी का सनधन हो गया। उस वि उनका बेटा बहुत छोटा था। इस गहरे सिमे के बाि मुके श अपने बेटे को लेकर अपने गााँव लौट आए। जीसवका चलाने के सलए उन्होंने मुजफ्फरपुर शहर में छोटे-मोटे काम करने शुरू दकए। लेदकन िुभाषग्य ने उनका पीछा नहीं छोडा – एक और हािसे में उनका घुटना पूरी तरह से टूट गया। महीनों तक वे सबथतर पर पडे रहे।
नया जीवन, नई शुरुआत
2012 के दिसंबर में उन्होंने िूसरा सववाह दकया और नए ससरे से जीवन की शुरुआत की। 2013 में उन्होंने मुजफ्फरपुर में टाइकस की एक छोटी िुकान शुरू की। यह व्यापार धीरे-धीरे बढ़ा और 2018 तक वह िुकान एक भव्य शोरूम का रूप ले चुकी थी। मेहनत और ईमानिारी ने उन्हें समाज में एक प्रसतसित व्यापारी बना दिया था।
कैंसर और सच्चाई से साक्षात्कार
जनवरी 2020 में उन्हें माउथ कैंसर का पता चला। यह खबर उनके सलए जैसे आकाश से सबजली सगरने जैसी थी। सवशेर् बात यह थी दक मुके श कुमार ससंह न तो तंबाकू खाते थे, न ही कोई अन्य नशा करते थे। जब उन्होंने डॉक्टरों से सवाल दकया दक उन्हें कैंसर कैसे हुआ, तो जो जवाब समला, उसने उनकी सोच बिल िी। डॉक्टरों ने बताया दक आज के िौर में असधकांश खाद्य सामग्री में समलाए जाने वाले हासनकारक केसमकल, रंग, और सप्रजवेठटव्स लोगों को कैंसर, हृिय रोग, दकडनी फेसलयर और डायसबटीज जैसी घातक बीमाठरयों की ओर धके ल रहे हैं।
Live Shopping Mart – एक सामासजक उद्देश्य की शुरुआत
कैंसर के इलाज के िौरान ही उन्होंने सनर्षय सलया दक वे लोगों को शुद्ध, थवाथ्यवधषक और केसमकल-फ्री भोजन
उपलब्ध कराने के सलए एक प्रसतिान की शुरुआत करेंगे। 2022 में जब उनके टाइकस शोरूम का लीज ठरन्यू नहीं हुआ, तो उन्होंने उसी जगह पर “Live Shopping Mart” की थथापना की। इस माटष की सबसे खास बात यह है दक यहााँ पर केसमकल-फ्री, शुद्ध राशन के साथ-साथ रेडी टू कुक और रेडी टू ईट भोजन भी उपलब्ध है, सजसे मात्र 5 से 15 समनट में तैयार दकया जा सकता है।
यह पहल खासतौर पर शहरी ग्राहकों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, सजनके पास रसोई में असधक समय िेने का अवसर नहीं होता। मुके श कुमार ससंह की यह सोच लोगों के बीच काफी लोकसप्रय हो रही है। धीरे-धीरे Live Shopping Mart एक ब्ांड बनता जा रहा है, जो शुद्धता, गुर्वत्ता और थवाथ्य के प्रतीक के रूप में उभर रहा है।
थवाथ्य की कठिनाइयों के बावजूि असडग सकंकप
आज भी मुके श कुमार ससंह अपनी सजषरी के बाि केवल सलदिड डाइट पर हैं, लेदकन उनका संककप और समाज के प्रसत उनका समपषर् जरा भी नहीं डगमगाया है। वे लगातार अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं और इस समशन को एक जनआंिोलन का रूप िे रहे हैं।
समाज के सलए एक सिंेश
मुके श कुमार ससंह की यात्रा यह ससद्ध करती है दक अगर इा छाशसि और मेहनत हो, तो कोई भी व्यसि सवपरीत पठरसथथसतयों से ऊपर उि सकता है। उन्होंने अपने व्यसिगत िुख को समाज के सलए सेवा के अवसर में बिल दिया। उनके Live Shopping Mart के माध्यम से आज हजारों पठरवारों को शुद्ध और सुरसक्षत खाद्य सामग्री उपलब्ध हो रही है।
सनष्कर्ष
मुके श कुमार ससंह की कहानी केवल एक व्यसि के संघर्ष की नहीं है, बसकक यह उन सभी के सलए प्रेरर्ा है जो जीवन में कठिन पठरसथथसतयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह सासबत कर दिया दक सफलता केवल आर्थषक उन्नसत नहीं होती, बसकक समाज के प्रसत उत्तरिासयत्व और सेवा भावना के साथ जीना ही सच्ची सफलता है।
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