मैं मुकेश कुमार सिंह, मेरा जन्म 16 अगस्त 1978 को एक गरीब किसान परिवार में हुआ, पिता एक किसान थे, चार संतानो में मुकेश कुमार सिंह तीसरे स्थान पर थे, बचपन से मुकेश कुमार पढ़ने-लिखने में अपने परिवार में सब से आगे थे, सिमित संसाधनों में जैसे तैसे 12 th तक की पढ़ाई किए. आगे इक्षा जाहिर किए तो पैसो के आभाव में पिता ने आगे की पढ़ाई के लिए अपने आप को असमर्थ बताया, 12 पास करने के बाद मुकेश कुमार अपने बड़े भाई के पास 1993 में दिल्ली आ गए, यहाँ पर कुछ छोटा मोटा काम की तलाश में एक कुरियर कंपनी में 1200 रु की नौकरी पर लग गए, कुछ दिनों बाद ही दिल्ली में उनका ऐक्सिडेंट हो जाता है काफी जख्मी हो जाते है, काफी लम्बे समय तक बेड रेस्ट करने के बाद सन 2000 में पंजाब चले जाते है. वहाँ पर कंस्ट्रक्शन का काम करने लगते है, समय बीतता गया 2003 में शादी हो जाती है, तथा 2007 में एक पुत्र होता है फिर कुछ समय बाद 2008 बैंगलोर चले जाते है, वहाँ पर लेबर कंस्ट्रशन का काम करने लग जाते है, सब कूछ अच्छा चल रहा था तभी अप्रैल 2011 में एक एक्सीडेंट में पत्नी का निधन हो जाता है, बेटा छोटा होता है तो उसे लेकर अपने गाँव आ जाते है, जीविका चलाने के लिए अपने नजदीकी शहर मुजफ्फरपुर में ही अपना काम करने लगते है, किस्मत ने एक बार फिर धोखा दिया और फिर एक बड़ा एक्सीडेंट हो जाता है और इनका घुटना पूरी तरह टूट जाता है लंबे समय तक बेड रेस्ट होने के बाद फिर से अपने जिंदगी को समान करते है, दिसंबर 2012 में वे दूसरे शादी कर लेते है, 2013 में मुजफ्फरपुर शहर में ही एक छोटा सा टाइल्स का दुकान खोल लेते है, 2018 तक या विशाल शोरूम बन जाता है।
मुकेश कुमार किसी भी तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करते थे, लेकिन जनवरी 2020 में उन्हें माउथ कैंसर का पता चलता है, तब उन्हें पैर तले जमीन खिसक जाता है, जिज्ञाशा वश डॉक्टर से पूछने के बाद पता चलता है की भोजन समाग्री का शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर बहुत ही हानिकारक केमिकल, कलर और प्रेज़रवेटिव को मिलाया जाता है, जिससे हार्ट अटैक, किडनी फेल, डायबिटीज और कैंसर जैसी घातक बीमारिया हो जाती है.तभी उन्होने अपने मन में ठाना की हम एक ऐसे प्रतिष्ठान को लगाऐंगे जहाँ से लोगो को शुद्ध और केमिकल फ्री राशन समाग्री उपलब्ध हो सके, 2022 में एक बार फिर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ता है जब बसा बसाया विशालकाय टाइल्स शो रूम का लीज एग्रीमेंट ना बढ़ाने के कारण तोड़ना पड़ता है, आमदनी का जरिया बंद हो जाता है, वही से फिर एक लाइव शॉपिंग मार्ट को बनाते है, वहाँ से कोई भी वक्ति अपने घर के लिए राशन की खरीदारी कर सकते है, शहरी लोगो के व्यस्त जीवन शैली को देखते हुए 5 – 15 मिनट में तैयार होने वाले केमिकल फ्री भारतीय भोजन को प्रस्तुत किए कंपनी धीरे धीरे अपने गृह क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो चूका है , शहरी लोगो में भी इसके द्वारा बनाए गए रेडी टू कुक भोजन को अपनाया है, एक दिसंबर मुकेश कुमार की कैंसर की सर्जरी के बाद से सिर्फ और सिर्फ लिक्विड के सहारे अपना जीवन जी रहे है, लेकिन लोगो को शुद्ध और केमिकल फ्री उत्पाद उपलब्ध करवा रहे है।